फूलों से बनेगी ‘कम्पोस्ट खाद’ 1

फूलों से बनेगी 'कम्पोस्ट खाद'

अब छोटी काशी के मंदिरों में चढ़ने वाले फूलों से बनेगी ‘कम्पोस्ट खाद’

प्रमुख मंदिरों से प्रतिदिन औसतन तीन हजार किलो फूल निकलते हैं -फूलों से बनेगी ‘कम्पोस्ट खाद’

फूलों से बनेगी 'कम्पोस्ट खाद'

फूलों से बनेगी ‘कम्पोस्ट खाद’

जयपुर। छोटी काशी जयपुर के मंदिरों में चढ़ने वाले फूल और मालाओं से अब ‘कम्पोस्ट खाद’ बनाई जाएगी। जयपुर ग्रेटर नगर निगम ने यह बीडा उठाया है। शुरुआत बड़े मंदिरों से की जाएगी। इसके लिए चयनित स्थान पर ‘कंपोस्टर मशीनें’ लगाई जाएगी।

जयपुर के प्रमुख बीस बड़े मंदिरों की बात करें तो प्रतिदिन एक मंदिर से औसतन डेढ़ सौ किलो फूल व मालाएं निकल रही हैं। इस हिसाब से तीन हजार किलो फूल व मालाएं रोजाना भगवान को चढ़ाई जा रही है। यानी कि 3 टन प्रतिदिन। जबकि विशेष दिन, तीज व त्यौहारों में ये आंकड़ा बढ़ जाता है।

इसे देखते हुए ग्रेटर नगर निगम ने भक्तों की आस्था को बनाए रखने के लिए एक सराहनीय पहल करते हुए इन फूल व मालाओं से कम्पोस्ट खाद बनाने का निर्णय लिया हैं। इसकी शुरुआत कुछ चुनिंदा मंदिरों से की जाएगी।

इस निर्णय के बाद ये कहा जा सकता है कि,’छोटी काशी’ की सड़कों व कचरा पात्रों में अब भगवान की मूर्तियों पर चढ़ी हुई मालाएं व फूल यूं ही नहीं फेंक दिए जाएंगे। बल्कि मंदिरों में चढ़ने वाले फूल व मालाएं अब जल्द ही कम्पोस्ट खाद बनकर निकलेंगे। शुरुआती चरण में प्रमुख बड़े मंदिरों के फूलों का उपयोग खाद बनाने में किया जाएगा।

इसके बाद बाकी मंदिरों से भी इन फूलों को इकट्ठा करके खाद बनाई जाएगी। ये खाद पौधों में डलकर पुन: हरियाली करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगी।

फूलों से बनेगी 'कम्पोस्ट खाद'

फूलों से बनेगी ‘कम्पोस्ट खाद’

खाद बनाने के लिए विशेष ‘कंपोस्टर मशीन’ लगाई जाएगी। जिसके लिए स्थान चयनित किए जाएंगे। हालांकि निगम ये शुरुआत कुछ चुनिंदा मंदिरों से ही करने जा रहा है। इसके लिए शहर के संत- महंतों से सुझाव मांगे हैं।

जिसे संत-महंतों ने स्वीकार कर लिया है। कम्पोस्ट मशीन एक बार में कितने फूलों से खाद बना सकेगी इस बारे में तकनीकी टीम निगम को इसकी क्षमता से जुड़ी हुई जानकारी देगी।

नगर निगम की मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर कहती हैं- ”शहर के संत-महंतों को इस संबंध में सुझाव दिया गया है। जिसे संत-महंतों ने सहर्ष स्वीकार कर लिया है। फिलहाल निगम की ओर से चिह्नित जगहों पर कम्पोस्ट खाद बनाने की सहमति दे दी गई है।

शुरुआत प्रमुख मंदिरों से की जाएगी जिसमें मोती डूंगरी गणेश व झारखंड महादेव जैसे मंदिर शामिल होंगे। प्रारंभिक चरण में दो कम्पोस्ट मशीनें लगाई जाएगी। अभी तकनीकी विशेषज्ञों की टीम से बात चल रही है। जो ये बताएंगे कि, एक मशीन एक बार में कितने फूलों को कम्पोस्ट करने में सक्षम होगी।”

नगर निगम की इस अभिनव पहल का प्रमुख मंदिरों के महत्व ने स्वागत किया है। इस संबंध में मोती डूंगरी गणेश मंदिर के महंत कैलाश शर्मा ने कहा- निगम का सुझाव हमने भी मान लिया है। हम भी अपने क्षेत्र में मालाओं से कंपोस्ट खाद बनाएंगे। इसके लिए नगर निगम को मंदिर की ओर से एक कंपोस्ट खाद बनाने की मशीन भी देंगे।

नरवर आश्रम सेवा समिति, खोले के हनुमान मंदिर के महामंत्री बीएम शर्मा ने कहा फूलों से कम्पोस्ट खाद बनाने की पहल स्वागत योग्य है। सुझाव पर सहमति बन गई है। अब जैसे ही स्थान तय हो जाएगा, फूलों से खाद बनाने का काम भी शुरू हो जाएगा और इससे फूलो से होने वाले रोड इत्यादि पर कचरा से भी निजात मिलेगी।

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संघ के सरसंघचालक डॉ. भागवत -1

संघ के सरसंघचालक डॉ. भागवत

संघ के सरसंघचालक डॉ. भागवत बुधवार को जयपुर प्रवास पर

 

जयपुर, 17 जनवरी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. भागवत /डॉक्टर मोहन राव भागवत बुधवार को एक दिवसीय जयपुर एक विवाह समारोह में आएंगे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जयपुर विभाग प्रचार प्रमुख अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि सरसंघचालक डॉ. भागवत / डॉक्टर मोहन राव भागवत बुधवार शाम को ट्रेन द्वारा जयपुर पहुंचेंगे। वे यहां संघ के क्षेत्र संघचालक डॉक्टर रमेशचंद्र अग्रवाल के पुत्र के विवाह समारोह में सम्मलित होंगे। गुरुवार प्रातः डॉ. भगवात जयपुर से प्रस्थान करेंगे।

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PAPA BANAO DADI NANI KI RECIPE

PAPA BANAO DADI NANI KI RECIPE

पापा बनाओ दादी नानी की रेसिपी

पोद्दार जंबोकिड्स में मास्टर शेफ / PAPA BANAO DADI NANI KI RECIPE

जयपुर 16 जनवरी। शहर के पोदार जंबो किड्स, चित्रकूट में मास्टर शेफ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अभिभावकों और बच्चों ने बहुत उत्साह के साथ भाग लिया। पापा बनाओ (Papa BANao Dadi Nani Ki Recipe ) दादी नानी की रेसिपी थीम पर यह आयोजन किया गया।जिसमें विद्यालय के बच्चो ने अपने अभिभावको के हाथ विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए।मुख्य अतिथि सुनीता मिंगलानी ने बच्चों के लिए स्वस्थ टिफिन के लिए अपने सुझाव बताए।कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका जागृति पाठक ने अभिभावकों की सहभागिता से कार्यक्रम को सफल बताते हुए अभिभावकों के प्रति आभार प्रकट किया

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रामभक्तों को नहीं भटकने देगा ‘बहुभाषीय’ संकेतक

रामभक्तों को नहीं भटकने

रामभक्तों को नहीं भटकने देगा ‘बहुभाषीय’ संकेतक
—अपनी भाषा में सही रास्ते की ओर बढ़ना होगा आसान / रामभक्तों को नहीं भटकने देगा ‘बहुभाषीय’ संकेतक

—देशी—विदेशी दोनों भाषाओं के बन रहे संकेतक / रामभक्तों को नहीं भटकने देगा ‘बहुभाषीय’ संकेतक

जयपुर। अयोध्या नगरी में भव्य राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर सभी जरूरी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हर छोटी- बड़ी वस्तु, सामग्री व सुविधाओं पर भी विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। हर रोड पर संकेतक लगा रहेगा जिसे है राम भक्त को कही भी अयोध्या में भटकना नहीं पड़े।

ऐसे में विश्व के विभिन्न हिस्सों से अयोध्या के मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए आने वाले देशी और विदेशी रामभक्तों को मंदिर परिसर तक पहुंचने में किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए अलग- अलग स्थानों पर बहुभाषीय ‘संकेतक’ यानी साइन बोर्ड लगाए जा रहे हैं।

ये साइन बोर्ड ही उन्हें बताएगा कि किस ओर जाना है। इन साइन बोर्ड की सबसे खास बात ये ही है कि, इसे देखने वाला अपनी भाषा में ही इसे समझकर सही रास्ते को चुन सकेगा। उसे हर जगह रूककर रास्ते के संबंध में किसी से पूछने की ​आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे अनावश्यक यातायात भी बाधित नहीं होगा। इस संकतेक को विशेष रूप से बनाया गया है

इन भाषाओं में हैं ‘संकेतक’ / रामभक्तों को नहीं भटकने देगा ‘बहुभाषीय’ संकेतक

इनमें हिंदी, उर्दू, असमिया, उडिय़ा, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, गुजराती, डोगरी, तमिल, तेलुगू, नेपाली, पंजाबी, बांग्ला, बोडो, मणिपुरी, मराठी, मलयालम, मैथिली, संथाली, संस्कृत और सिंधी भाषा शामिल है। वहीं संयुक्त राष्ट्र की छह भाषाओं में भी संकेतक लगाने का कार्य हो रहा है, उनमें अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी और स्पेनिश शामिल हैं।  इन स्थानों पर लग रहे संकेतक—

राम की पैड़ी, नागेश्वर नाथ, भजन संध्या स्थल नया घाट, क्वीन हो पार्क, लता मंगेशकर चौक, रामपथ, जन्मभूमि पथ, भक्तिपथ, धर्मपथ, चौधरी चरण सिंह घाट, रामकथा संग्रहालय, जानकी महल, दशरथ महल, रामकोट, तुलसी स्मारक भवन, छोटी देवकाली मंदिर, सरयू घाट, सूर्य कुंड, गुप्तारघाट, गुलाब बाड़ी, कंपनी गार्डन, साकेत सदन, मंदिर निकट गुप्तार घाट, चौधरी चरण सिंह पार्क, संत तुलसी घाट, तिवारी मंदिर, तुलसी उद्यान, गोरखपुर-लखनऊ बाईपास, बैकुंठ धाम, मिथिला धाम, अयोध्या आई हॉस्पिटल, हनुमानगढ़ी रोड, राजद्वार मंदिर तिराहा, कनक भवन रोड, दिगंबर जैन मंदिर, श्रीराम हॉस्पिटल, राम कचेहरी, रंगमहल, अमावा राम मंदिर, सीताकुंड, मणि पर्वत, अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन आदि।

इसके अलावा मंदिर की ओर जाने वाले उन रास्तों को भी चिन्हित किया जा रहा है, जो श्रद्धालुओं के चलने के लिए भी सुविधाजनक हो। इसके लिए सभी तरह के वाहनों पर भी रोक लगाई जाएगी। ताकि ये पैदल पथ सुचारू ढंग से चल सके। अयोध्या में आने वाले हर भक्त का ध्यान रखा गया है , इन सभी संकेतकों को 22 जनवरी के पहले पूरा करने का लक्ष्य है।

इन स्थानों पर लग रहे संकेतक / रामभक्तों को नहीं भटकने देगा ‘बहुभाषीय’ संकेतक

राम की पैड़ी, नागेश्वर नाथ, भजन संध्या स्थल नया घाट, क्वीन हो पार्क, लता मंगेशकर चौक, रामपथ, जन्मभूमि पथ, भक्तिपथ, धर्मपथ, चौधरी चरण सिंह घाट, रामकथा संग्रहालय, जानकी महल, दशरथ महल, रामकोट, तुलसी स्मारक भवन, छोटी देवकाली मंदिर, सरयू घाट, सूर्य कुंड, गुप्तारघाट, गुलाब बाड़ी, कंपनी गार्डन, साकेत सदन, मंदिर निकट गुप्तार घाट, चौधरी चरण सिंह पार्क, संत तुलसी घाट, तिवारी मंदिर, तुलसी उद्यान, गोरखपुर-लखनऊ बाईपास, बैकुंठ धाम, मिथिला धाम, अयोध्या आई हॉस्पिटल, हनुमानगढ़ी रोड, राजद्वार मंदिर तिराहा, कनक भवन रोड, दिगंबर जैन मंदिर, श्रीराम हॉस्पिटल, राम कचेहरी, रंगमहल, अमावा राम मंदिर, सीताकुंड, मणि पर्वत, अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन आदि। उपरोक्त स्थान अयोध्या के प्रमुख स्थानों में से है।

22 भारतीय भाषाओ में एवं 6 विदेशी भाषा में ये संकतेक लगे रहेंगे | 

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1 अक्षत निमंत्रण अभियान

अक्षत निमंत्रण अभियान

अक्षत निमंत्रण अभियान—

‘गुलाबी नगरी’ के हाथों में सज रहे पीले चावल / अक्षत निमंत्रण अभियान

-बंट रहे अयोध्या से आए अभिमंत्रित अक्षत / अक्षत निमंत्रण अभियान

—जगह—जगह निकल रही अक्षत कलश यात्राएं / अक्षत निमंत्रण अभियान

जयपुर। इन दिनों ‘गुलाबी नगरी’ के हाथों में सज रहे हैं पीले अक्षत। हरेक के हाथ में पहुंच रहे ये पीले चावल बता रहे हैं कि अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उनमें कितना उत्साह है।

अक्षत निमंत्रण अभियान के तहत प्रतिदिन शहर के विभिन्न गली, मोहल्लों और सोसायटी में जाकर स्वयंसेवक अक्षत वितरण कर रहे हैं। इसी के साथ भेंट किया जा रहा राममंदिर का चित्र और मंदिर से जुड़ी जानकारी वाला पत्रक, जो  विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

इसे देखते हुए छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध जयपुर का वातावरण भी पूरी तरह से ‘राममय’ हो चला है। इस पूरे सप्ताह रामधुनी, राम—नाम के जयकारे और विशेष भजन कीर्तनों के साथ विभिन्न टोलियां अक्षत निमंत्रण के कार्य में जुटी रही। 22 जनवरी से पहले हर घर में अक्षत निमंत्रण पहुंचाने का लक्ष्य है।

शहरवासी भी इन टोलियों का माला पहनाकर, तिलक लगाकर व कहीं पर ढोल बजाकर पूरे मन और भाव के साथ स्वागत कर रहे हैं।  इसी कड़ी में मालवीय नगर स्थित श्री मालेश्वर शिव शक्ति मंदिर के तत्वावधान में अयोध्या से आए अक्षत, पत्रक एवं राममंदिर अयोध्या का चित्र मालवीय नगर सैक्टर-5 व आसपास के लगभग 500 परिवारों को संपर्क कर भेंट किए गए।

संपर्क के दौरान लोगों से आग्रह किया गया कि 22 जनवरी को सभी लोग अपने-अपने घरों पर कम से कम 21 दीपक जलाएं। आयोजन को लेकर भांकरोटा अक्षत कलश यात्रा निकाली गई। कॉलोनी वासियों को पीले चावल देकर निमंत्रण दिया गया। इस मौके पर भांकरोटा स्थित राम मंदिर में 251 दीपों से महाआरती की गई।

वहीं सांगानेर श्योपुर मंडल की माधव शाखा के रघुनाथपुरी प्रथम बी एवं गोपालपुरी में कॉलोनी वासियों ने ढाई सौ परिवारों को अयोध्या से आए अभिमंडित अक्षत, रामलला की तस्वीर, रामलला प्राण-प्रतिष्ठा की विस्तृत जानकारी के पैंपलेट का वितरण किया।

दोनों कॉलोनी के रामभक्तों ने राम रथ के साथ श्रीराम का संगीत गुंजित करते हुए प्रत्येक परिवार को अयोध्या से आई समस्त सामग्री वितरित की। इधर, जगतपुरा स्थित पर्ल सोसायटी में भी स्वयं सेवकों ने पहुंचकर अक्षत वितरण किया। साथ ही 22 जनवरी को घर की सजावट करने व दीप जलाने का आह्वान भी किया।

इधर, सेक्टर 5, मालवीय नगर स्थित मालेश्वर शिव शक्ति मंदिर, भांकरोटा स्थित गणेश मंदिर की ओर से भी अयोध्या से आए पूजित अक्षत चावल बांटा गया। भक्तिमय माहौल में महिलाएं पीले चावल न्यू कॉलोनी खारडा स्थित शिव मंदिर लेकर गईं।

निराश्रित बालिकाओं ने भी बांटे ‘अक्षत’—

वैशाली नगर स्थित बालिका गृह में रह रही बालिकाओं ने भी बड़े उत्साह के साथ टोलिया बनाकर क्षेत्र के घरों में पीले चावल बांटे। साथ ही नुक्कड़ नाटक के जरिये भगवान राम के जन्म से राज्याभिषेक के प्रसंग का चित्रण भी किया गया।

वहीं, निवारू रोड, झोटवाड़ा स्थित बालाजी विहार एन कॉलोनी में अक्षत वितरण व आगरा रोड, देवकी नगर स्थित चमत्कारेश्वर मंदिर से बसंत विहार तक अक्षत कलश यात्रा निकाल कर राम उत्सव मनाया गया।

इधर,भांकरोटा स्थित गणेश मंदिर से अक्षत कलश यात्रा निकलकर गणतपुरा रोड स्थित राम मंदिर पहुंची। यहां पर 251 दीपों से भगवान राम की आरती उतारी गई, जिसमें बढ़ चढ़कर लोगों ने ​हिस्सा लिया।

झोटवाड़ा के निवारू रोड स्थित आश्रम बस्ती में भी 31 दिसंबर 2023 से 7 जनवरी 2024 तक प्रतिदिन रथ यात्रा निकली गई और आश्रम बस्ती के प्रत्येक घर में  अयोध्या से आये हुवे अक्षत एवं निमंत्रण पत्र और श्री राम मंदिर के चित्र दिए गए | बस्ती के प्रत्येक पुरुष भाई, माता एवं बहनो के उत्साह देखते ही बनता था ? 22 जनवरी को भव्य कार्यक्रम रहने वाला है।

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श्री राम के चित्र

श्री राम के चित्र

श्री राम के चित्र ऊकेर कर भावुक हुए चित्रकार।

40 से अधिक कलाकारों ने बनाये श्री राम के चित्र।

श्री राम के चित्र

श्री राम के चित्र

जयपुर,राजस्थान ललित कला अकादमी व शुभ विचार संस्था द्वारा अकादमी की कला दिर्घा में भगवान श्री राम के जीवन चरित्र और उनके विभिन्न पहलुओं पर चित्र कार्यशाला का आयोजन किया गया,जिसमे में राजस्थान और जयपुर के 40 से अधिक सीनियर और युवा चित्रकारो ने भाग लिया|

श्री रामचंद्र के जीवन पहलूओ पर आधारित श्री राम के चित्र चित्रों को चित्रकारो चित्रित किया, जिसमें किसी ने अयोध्या को दिखाया किसी ने अयोध्या का राज तिलक करते हुए किसने राम के एक करुणा भाव को दिखाया इस तरह से अलग-अलग प्रकार से सभी कलाकारों ने अपनी दृष्टि विवेक राम के जीवन चरित्र उतरित करने की प्रयास किया।

श्री राम के चित्र

श्री राम के चित्र

भाग लेने कलाकारों में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चित्रकार धर्मेंद्र राठोर,नीलू कंवरिया वंदना व्यास तृप्ति निर्वाण पूर्णिमा पंत बिंदु सलूजा सावित्री शर्मा, रेनू नावरिया, किरण राजे पूजा भारद्वाज,ज्योति चोरडिया रितु शर्मा मिंटू भारद्वाज प्रिया मारू,विभोर शर्मा,अंशुल राठौर अक्षरा माहेश्वरी रश्मि राजावत भूमिका सिंह श्रुति नैन रेखा अग्रवाल ऋतु माहवार सिमरन सोनी, शीला पुरोहित भावना मनीष आदि प्रमुख थे।

एकेडमी के सचिव डॉ रजनीश हर्ष और शुभ विचार के संस्थापक जीतेन्द्र शर्मा ने बताया कि शिविर में कलाकारों के मार्गदर्शन के लिए
वरिष्ठ कला साधक महावीर भारती संदीप सुबेंद् विनय शर्मा विनय त्रिवेदी|

संस्कार भारती के बनवारी लाल चतर राजस्थान विश्वविद्यालय ललित कला संकाय के डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सरल बिहारी मंदिर महंत दीपक गोस्वामी सत्यजीत तालुकादर अमित राज गोयल निर्मला कुल्हारी भी पधारे इस कार्यशाला में जो चित्र चित्रित कैनवास के ऊपर हुए हैं उनकी की एग्जीबिशन जवाहरलाल केंद्र में ही लगाई जाएगी ।

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युवा भारत सम्मेलन -1

युवा भारत सम्मेलन

राष्ट्रीय युवा दिवस पर युवा भारत सम्मेलन का हुआ आयोजन

खैरथल |राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुटुंब प्रबोधन गतिविधि आयाम के द्वारा शुक्रवार को शहर की महावर धर्मशाला में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर युवा भारत सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया |

इस कार्यक्रम युवा भारत सम्मेलन के दौरान मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अलवर विभाग के विभाग कार्यवाह कैलाश कल्ला तथा मुख्य वक्ता विभाग के कुटुंब प्रबोधन संयोजक मुन्नालाल रहे |

मुख्य अतिथि कैलाश कल्ला ने बताया कि युवाओं को स्वामी जी के आदर्श को अपने जीवन में लाकर कार्य करना चाहिए तथा हिंदू समाज को संगठित कर भारत को उन्नत राष्ट्र बनाने में अपना योगदान देना चाहिए।

मुख्य वक्ता मुन्नालाल ने कहा कि युवाओं को भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में अपना योगदान देना चाहिए | युवाओं को अपने उज्जवल भविष्य की ओर ध्यान देना चाहिए | इस कार्यक्रम के दौरान जिला कुटुम्ब प्रबोधन संयोजक मुकेश गुप्ता सहित अनेक युवा कार्यकर्ता उपस्थित रहे |.

युवा भारत सम्मेलन

युवा भारत सम्मेलन

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राष्ट्रीय युवा दिवस 1

राष्ट्रीय युवा दिवस

राष्ट्रीय युवा दिवस

राष्ट्रीय युवा दिवस

राष्ट्रीय युवा दिवस

अधिवक्ता और शिक्षक का आचरण समाज के लिए सदैव अनुकरणीय: छाबा

राष्ट्रीय युवा दिवस

जयपुर। राष्ट्रीय युवा दिवस को अधिवक्ताओं के बीच अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की ओर से सम्पूर्ण भारतवर्ष में युवा अधिवक्ता दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है। इसी क्रम में अधिवक्ता परिषद् राजस्थान, जयपुर प्रान्त की उच्च न्यायालय इकाई, जयपुर की ओर से शुक्रवार को उच्च न्यायालय स्थित श्री सतीश चंद्र सभागार में युवा अधिवक्ता दिवस मनाया गया।

कार्यक्रम विषय वर्तमान परिपेक्ष्य में युवा अधिवक्ताओं की भूमिका एवं उनसे अपेक्षाएं पर कार्यक्रम अध्यक्ष बसन्त सिंह छाबा उपमहान्यायभिकर्ता भारत सरकार,ने कहा कि समाज में सदैव शिक्षक और अधिवक्ता का आचरण अनुकरणीय माना जाता है। इस पेशे के जुड़े व्यक्तियों पर अत्यधिक जिम्मेदारी बनती है कि वो अन्य से पहले स्वयम के प्रति अत्यधिक सजग रहे, वही मिथ्या कथन कहने से बचे और सदैव सत्य के मार्ग पर अडिग रहे,

मुख्य वक्ता माननीय न्यायाधिपति श्री अनूप कुमार ढंड ने बताया कि व्यक्ति विशेषकर वकालत के पेशे से जुड़ा व्यक्ति सदैव युवा ही रहता है, युवा अधिवक्ताओं को सबसे पहले न्यायालय में आचरण करना सीखना चाहिए, अपने द्वारा कहे जाने वाले शब्दों को बड़ी शालीनता से न्यायालय के समक्ष रखना आना चाहिए,

विशिष्ट अतिथि वरिष्ट अधिवक्ता श्री राजीव सुराणा ने बताया की मेरे पिता मेरे गुरु और मार्गदर्शक थे, उनकी कही बात का सदैव अनुसरण करता हूँ और युवाओं को भी कहूंगा कि वो काम के साथ शारीरिक स्वस्थता का भी ध्यान रखे स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ विचार और कर्मशीलता होती है।

राष्ट्रीय युवा दिवस

कार्यक्रम में अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद राजस्थान क्षेत्र के क्षेत्रीय मंत्री श्री कमल परसवाल व प्रान्त अध्यक्ष श्री नीरज बत्रा की गरिमामय उपस्थिति रही। अधिवक्ता परिषद का विषय परिचय माही यादव ने मंच संचालन उच्च न्यायालय इकाई के मंत्री राजेश चौधरी व इकाई अध्यक्ष विनोद गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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राष्ट्रीय युवा दिवस

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स्वदेशी जागरण मंच

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छः हजार से अधिक युवाओं ने निकाली युवा उद्यमिता रैली

स्वदेशी जागरण मंच

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जयपुर 12 जनवरी। युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत जिनका जीवन चरित्र युवाओं के लिए प्रेरणादायक है, ऐसे युवा संत स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर स्वाबलंबी भारत अभियान के अंतर्गत जयपुर में 54 शिक्षण संस्थाओं के छः हजार से अधिक छात्र छात्राओं ने अपने अपने क्षेत्र में युवा उद्यमिता रैली निकाल कर स्वावलंबन का संदेश युवाओं को दिया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और स्वामी जी की वाणी की प्रेरणा से स्वदेशी जागरण मंच के साथ 31 अन्य सामाजिक शैक्षिक आर्थिक संगठन मिलकर संपूर्ण देश में स्वावलंबी भारत अभियान चल रहे हैं इसका उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार की ओर प्रेरित करना है।

स्वामी विवेकानंद जी के अनुसार हमें ऐसी शिक्षा चाहिए जो युवाओं के चरित्र का निर्माण करें और उन्हें स्वावलंबी बनाएं इसी ध्येय के साथ युवा दिवस पर आयोजित उद्यमिता रैली में शहर के 32 स्कूल, 21 महाविद्यालय और एक प्रधानमंत्री कौशल केंद्र का सहभाग रहा।

युग प्रवर्तक स्वामी जी की जंयती पर आयोजित युवा उद्यमिता रैली में विद्यार्थियों ने जब बाजार जाएंगे सामान स्वदेशी लेंगे, हम सब ने ठाना है,भारत समृद्ध बनाना है, हर युवा ने ठाना है उद्यमिता को अपनाना है जैसे अनेक प्रकार के उदघोष रैली में लगाए।

सादर
रणजीत सिंह
महानगर प्रचार प्रमुख
9828206070

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नई शिक्षा नीति

नई शिक्षा नीति

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नई शिक्षा नीति

नई शिक्षा नीति से राष्ट्र में नया वातावरण का निर्माण हो रहा है- दत्तात्रेय होसबोले

जयपुर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने नई शिक्षा नीति पर कहा कि  शिक्षा विवेक जाग्रत करती है। शिक्षा के महत्व को समझे। भारत की शिक्षा भारतीय केन्द्रित होनी चाहिए इसके लिए सभी को प्रयास करने होंगे। नई शिक्षा नीति से राष्ट्र में नया वातावरण का निर्माण हो रहा है। समाज में सकारात्मक परिवर्तन, चरित्र निर्माण और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों का हल भी भारतीय ज्ञान परम्पराओं से हो रहा है।

सरकार्यवाह होसबोले मंगलवार को अग्रवाल कॉलेज के सभागार में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा आयोजित शिक्षा में भारतीयता और व्यवस्था परिवर्तन विषयक प्रबुद्वजन गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति जीवन की चुनौति का उत्तर भारतीय शिक्षा में है।

नई शिक्षा नीति से अनुकूल वातावरण बन रहा है। हम कह सकते हैं, ऐसा विश्वास नई पीढी में नई शिक्षा नीति पैदा कर रही है। इससे तैयार होने वाली प्रतिबद्ध पीढी मानव प्रेम की भावना समाज में विकसित करेगी जिससे विश्व में भारत मॉडल बन सकेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के संदर्भ में भारत विश्व की महान परंपराओं का वारिस है। दुर्भाग्य से स्वतंत्रता के पश्चात की पीढ़ी

इस महानता को समझने में स्वयं प्रयास नहीं कर पाई। इससे वंचित रखने का भरपूर प्रयास हुआ। उन्होंने कहा कि अब नई शिक्षा नीति से देश में नई उर्जा और नया वातावरण बनते हुए हम देख रहे हैं। देरी हो गई है, लेकिन हम दुरस्त हो गए।

इस (नई शिक्षा नीति ) अवसर पर न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल भाई कोठारी ने कहा कि शिक्षा में भारतीयता पर आज भी चितंन की आवश्यकता है। भारतीय दर्शन से भारतीय जीवन दृष्टि का निर्माण हुआ है। भारतीय मूल्य निर्मित हुए हैं। व्यवहार में भारतीय मूल्यों का आचरण करने वाले भारतीय संस्कृति के पर्याय बने हैं।

उन्होंने कहा कि भारत का ज्ञान समृद्ध है। योग भारतीय संस्कृति की देन है। योग को विश्व के अनेक देशों ने अपनाया है। आज दुनिया की सोच बदल रही है। दुनिया भारतीय शिक्षा की और अग्रसर है। देश दुनिया की चुनौतियों का समाधान भारतीय ज्ञान परम्पतरा में है। भारतीय ज्ञान परम्परा पर दुनिया में अनेक शोध व अनुसंधान हो रहे हैं।

नई शिक्षा नीति के लिए राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि भारत की सनातन परम्परा विश्व के लिये प्रेरणा स्त्रोत है। भारतीय शिक्षा ने विश्व में राष्ट्र की पहचान बनाई है। शिक्षा बंधनों से मुक्त करती है। राष्ट्र के विकास का आधार शिक्षा है। शिक्षा में किये जा रहे सकारात्माक परिवर्तन देश में जनआंदोलन बने, इसके लिए सभी को सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्याकता है।

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीतिमें नई तकनीक का समावेश होना चाहिए। भारतीयता के अनुरूप पाठ्यक्रम और शिक्षा पद्धती में परिवर्तन आज की आवश्यतकता है। इस कार्य में शिक्षकों का सहयोग जरूरी है।

उन्होंने कहा कि भारत के गौरवशाली इतिहास को युवा पीढी को समझाना होगा। दैनिक जीवन में शिक्षा की सार्थकता है। भारत से भारतीयता को समाप्त नहीं किया जा सकता। लोगों की दृढ इच्छा शक्ति के कारण भारतीय संस्कृति अटल रही है। देवनानी ने सभी के लिये समान शिक्षा की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए कहा कि स्वावलम्ब न और स्वानभिमान को जाग्रत करने वाली शिक्षा का प्रसार जरूरी है।

नई शिक्षा नीति के अवसर पर भारतीय विश्व विद्यालय संघ की महासचिव डॉ पंकज मित्तल ने कहां कि बच्चों के चरित्र निर्माण के लिये प्रयास करने होंगे। समाज को बढावा देने वाले शोध किये जाने की आवश्यकता है। वैदिक गणित भारतीय शिक्षा की देन है। समाज का विकास का दायित्व विश्व विद्यालयों पर है।

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