अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती

अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती

अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती

करनीय व अकरणीय के विवेकपूर्ण निर्माण की प्रतिमूर्ति थी महारानी अहिल्या बाई होल्कर :भैयाजी जोशी

*पुण्यश्लोका अहिल्या बाई होल्कर त्रिशताब्दी जन्मजयन्ति समारोह: मातृशक्ति गोष्ठी का आयोजन*

जोधपुर महानगर में आज पुण्यश्लोका अहिल्या बाई होल्कर त्रिशताब्दी जन्मजयन्ति समारोह समिति द्वारा प्रबुद्ध मातृशक्ति गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पुण्यश्लोका अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में उनके जीवन और कार्यों को स्मरण कर समाज तक पहुँचाना है।

कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता एवं देवी अहिल्या माता के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर के हुई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता जोधपुर की पूर्व महारानी साहिबा श्रीमति हेमलता राजे ने की, जिन्होंने महारानी अहिल्याबाई के संघर्ष और उनके योगदान को रेखांकित किया।

मुख्य अतिथि प्रो. सरोज कौशल, पूर्व अधिष्ठाता कला संकाय एवं पूर्व विभागाध्यक्ष, संस्कृत विभाग, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर, ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए और समाज में नारी शक्ति की भूमिका पर जोर दिया।

अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती

अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आदरणीय सुरेश भैया जी जोशी, पूर्व सहकार्यवाह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ रहे।भैया जी ने अहिल्या देवी के प्रेरणादाई जीवन को सबके सामने रखते हुए, उनके द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला । उन्होंने अहिल्या देवी के जीवन को “सामान्य महिला की असामान्य जीवन यात्रा बताया”। एक सामान्य परिवार से राजपरिवार के साशन काल में उन्होंने भारत के प्रसिद्ध मंदिरों का पुनर्निर्माण करवाया जिसमें काशी का विश्वनाथ मंदिर, रामेश्वरम ,सोमनाथ मणिकर्णिका घाट विशेष हैं। विश्व प्रसिद्ध माहेश्वरी साड़ी उन्हीं की देन है। अहिल्या बाई एक कुशल प्रशासनिक, आर्थिक नियोजन कर्ता के साथ स्वयं योद्धा भी थी ।

यह कार्यक्रम मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर, जोधपुर विकास प्राधिकरण में आयोजित किया गया था। इसमें नगर के विभिन्न प्रतिष्ठित 700 महिलाओं ने भाग लिया।

इस प्रकार की गोष्ठियों से समाज में प्रेरणा और जागरूकता का संचार होता है, और महारानी अहिल्याबाई होल्कर जैसी महान विभूतियों के जीवन से हमें सीखने का अवसर मिलता है।कार्यक्रम में महिला समन्वय की अखिल भारतीय संयोजिका मीनाक्षी ताई पेशवे, जोधपुर प्रांत संघचालक हरदयाल जी वर्मा उपस्थित रहे।अंत में पुष्पा जाँगीड द्वारा सभी का धन्यवाद दिया गया । कार्यक्रम का संचालन ममता सोनी द्वारा किया गया ।

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अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान

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अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान

वंशावली लेखकों की बढ़ती दूरियों को कम करने का करना होगा प्रयास: अरूणकांत

-वंशावली एकेडमी राजस्थान में फिर से होगी शुरू: सराफ

-अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान का स्थापना दिवस समारोह आयोजित

जयपुर, 28 अगस्त। अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान के इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं अखिल भारतीय धर्म जागरण सह प्रमुख अरूणकांत ने कहा कि पुराने काल से ही वंशावली की परम्परा हमारे देश में चली आ रही है लेकिन आज वंशावली लेखकों में दूरियां बढ़ती जा रही हैं, जिसको हम सब मिलकर कम करने का प्रयास करेंगे।

अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान

अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान

वे रविवार को पाथेय कण के सभागार में आयोजित अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान के स्थापना दिवस समारोह को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्थान के कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर जुड़कर वंशावली को बेहतर करने का काम करना होगा, जिससे कि सभी लोगों को अपने वंश के बारे में विस्तार से जानकारी मिल सके।
अभी इस समय पूरे देश में 4200 वंशावली लिखने वाले वंशलेखकों के नामों की वंशावली दिग्दर्शिका संस्थान के पास है, जिसमें राजस्थान से सबसे अधिक 2500 वंशलेखकों का डाटा कलेक्शन है, लेकिन अभी पूरे देश के वंशलेखकों का डाटा संस्थान के पास नहीं है, जिसको एकत्रित करने का काम तेजी से किया जा रहा है, जल्द ही सभी वंशलेखकों का डाटा संस्थान के पास उपलब्ध होगा।

– दो समारोह से जोड़ेंगे कार्यकर्ताओं को अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान 

अरूणकांत ने कहा कि संस्थान अब दो समारोह के माध्यम से देशभर के वंशलेखकों को एक साथ जोड़ने का काम करने जा रहा है, जिससे वंशलेखकों का तथ्यात्मक डेटा एक जगह एकत्रित हो जायेगा, उन्होंने कहा कि संस्थान का स्थापना दिवस समारोह आगामी दिनों से जिले स्तर पर आयोजित होगा, इसके साथ ही सरस्वती पूजन कार्यक्रम बसन्त पंचमी पर किया जायेगा, इन दोनों समारोह में वंशलेखकों को जोड़ने का काम होगा।

– सतयुग व द्वापर युग से चली आ रही है परम्परा: कालीचरण

अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान

अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान

समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व केबिनेट मंत्री एवं विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि वंशावली लेखन का काम सतयुग, द्वापरयुग के बाद आज कलयुग में भी हो रहा है और आज इसको डीजिटल माध्यम से जोड़ते हुए प्रभावी बनाये जाने की जरूरत है।
– डीजिटल युग का करना होगा उपयोग: रामचरण बोहरा
समारोह के विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि आज का युग डीजिटल का है, जिसका उपयोग वंशावलियों को संरक्षित करने के लिए किया जाना चाहिए।
– हिन्दू समाज को टूटने से बचाने का प्रयास: ब्रह्मभट्ट
अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष परमेश्वर ब्रह्मभट्ट ने संस्थान के बारे में प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए कहा कि वंशावली के माध्यम से हिन्दू समाज को टूटने से बचाया जा सकता है और यह काम संस्थान बखुबी निभा रहा है, जिसके माध्यम से लोगों को एक-दूसरे से ओर अपनो से अपने को जोड़ने का काम किया जा रहा है। अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्था यह कार्य करने का संकल्प लिया है।

-अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान / इनका किया सम्मान

समारोह में अतिथियों ने वंशावली लेखन करने वाले सत्यनारायण जागा, नवरंग लाल जागा, महावीर सिंह, रूप सिंह राव सहित युवा वंशावली लेखकों का का सम्मान किया गया। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक माणक चन्द और जन कल्याण संस्थान के अध्यक्ष बाबुलाल शर्मा का विशिष्ट सम्मान किया गया। कार्यक्रम में गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय के गांधीवादी विचारक एवं शांति अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. जनक सिंह मीणा ने अतिथियों को भारत के स्वातन्त्र समर के जनजातीय नायकों की वीरगाथा नामक पुस्तक भेंट की।
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भारतीय शिक्षा और शोध भारत केंद्रित हो

भारतीय शिक्षा और शोध भारत केंद्रित हो

भारतीय शिक्षा और शोध भारत केंद्रित हो

जयपुर 29 जुलाई। भारतीय शिक्षा और शोध भारत केंद्रित हो हेतु भारतीय शिक्षण मंडल – युवा गतिविधि, जयपुर प्रान्त, एवं एसएमएस मेडिकल कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को शोध पत्र लिखने की कला“ विषय पर एक दिवसीय आनंदशाला एवं चिकित्सा विज्ञान, शिक्षा और अनुसंधान की महत्वपूर्ण भूमिका : विजन फॉर विकसित भारत ” विषय पर एक दिवसीय सेमिनार एवं “विज़न फॉर विकसित भारत शोधपत्र लेखन प्रतियोगिता के पोस्टर विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर एवं मां सरस्वती माँ भारती के फोटो पर पुष्पांजलि से किया गया।

प्रांत मंत्री प्रो. गजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि भारतीय शिक्षण मंडल, शिक्षा में पुनः भारतीयता प्रतिष्ठित करने में कार्यरत एक अखिल भारतीय संगठन है। शिक्षा नीति, पाठ्यक्रम एवं पद्धत्ति तीनों भारतीय मूल्यों पर आधारित, भारतीय शिक्षा और शोध भारत केंद्रित हो तथा भारत हित की हो, इस दृष्टि से संगठन वैचारिक, शैक्षिक और व्यावहारिक गतिविधियों का नियमित आयोजन करता है।

कार्यक्रम की प्रस्तावना डॉ. मुकेश शर्मा रखते हुए बताया कि इस अमृतकाल में राष्ट्र निमार्ण के हर क्षेत्र में अपना अनमोल योगदान देने के लिए युवाओं को शोध पत्र लिखने के लिए सक्षम बनाना और प्रेरित करना सेमिनार का मुख्य उदेश्य है।इस अवसर पर विजन फॉर विकसित भारत विविभा के पोस्टर का विमोचन किया गया।

भारतीय शिक्षा और शोध भारत केंद्रित हो

भारतीय शिक्षा और शोध भारत केंद्रित हो

आजादी के 100वें वर्ष में विकसित देशों में भारत का नाम हो / भारतीय शिक्षा और शोध भारत केंद्रित हो

विशिष्ठ अतिथि डॉ विश्व मोहन कटोंच, पूर्व महानिदेशक, आइ सी एम आर , दिल्ली ने युवाओं को शोध पत्र लिखने और अपने सुझाव देने के लिए आगे आने को कहा। डाॅ कटोंच ने कहा कि चिकित्सा को मूल मानवाधिकार मानते हुए समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति
तक इसकी पहुँच होनी चाहिए तथा इसका लाभ सम्पूर्ण समाज को मिले।

उन्होंने वर्तमान समय में चिकित्सा क्षेत्र में शोध के विभिन्न आवश्यकताओं को विस्तार पूर्वक समझाया/ भारतीय शिक्षा और शोध भारत केंद्रित हो भारतीय शिक्षण मण्डल के राष्ट्रीय संरक्षक मोहन लाल छीपा ने बताया कि प्राचीन विज्ञान का आधुनिक विज्ञान के साथ समावेश कर शोध कार्य करना चाहिए जिससे भारत को आत्मनिर्भर एवं विकसित बनाया जा सके ।

मुख्य अतिथि राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर की वाइस चांसलर प्रोफेसर डॉ. अल्पना कटेजा ने कहा कि विकसित भारत के लिए प्रत्येक भारतीय का योगदान आवश्यक है। उन्होने शिक्षा में भारतीयकरण पर जोर दिया एवं भारतीय सांस्कृतिक गौरव पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने हर भारतीय नागरिक से विज्ञान, स्वास्थ एवं खानपान की भारतीय पद्वति पर जोर देने की बात कही। शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर शोध की आवश्कता बताई।

भारतीय शिक्षा और शोध भारत केंद्रित हो

भारतीय शिक्षा और शोध भारत केंद्रित हो

भारतीय शिक्षा और शोध भारत केंद्रित हो

मुख्य वक्ता हरियाणा सरकार में उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी प्रोफेसर राजेन्द्र कुमार अनायत ने कहा कि भारतीय शिक्षा और शोध भारत केंद्रित हो तभी भारत आत्मनिर्भर बन पाएगा । उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि शिक्षा पर वैदिक घोषणा इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रही है कि हर इंसान को आत्मनिर्भर कैसे बनाया जाए, जबकि उपनिषद इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि प्रत्येक शिष्य को मोक्ष (आत्मसाक्षात्कारम्) प्राप्त करने में कैसे मदद की जाए। दोनों विचारधाराएं छात्र के स्तर, अनुशासन और अध्ययन के लिए चुने गए विषयों की परवाह किए बिना इन परिभाषित उद्देश्यों को प्राप्त करती हैं।

आयोजन सचिव डॉ. भारती मल्होत्रा, अतिरिक्त प्राचार्य, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर ने सभी मुख्य वक्ताओ का उपस्थित गणमान्य जनों एवं सेमीनार मे पूरे देश भर से आए हुए प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. नीलम पुनार ने किया ।

भारतीय शिक्षा और शोध भारत केंद्रित हो हेतु भारतीय शिक्षण मंडल – युवा गतिविधि, जयपुर प्रान्त, एवं एसएमएस मेडिकल कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को शोध पत्र लिखने की कला

 

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स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान _ निम्बाराम 1

स्वयंसेवकों में हो कर्तव्य पालन की प्रतिबद्धता , स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान _ निम्बाराम

स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान _ निम्बाराम 1

स्वयंसेवकों में हो कर्तव्य पालन की प्रतिबद्धता , स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान _ निम्बाराम 1

कोटा 7 जून। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम के समापन अवसर पर राजस्थान के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने अपने उद्बोधन में कहा कि संघ के निरन्तर विस्तार का आधार है स्वयंसेवको का आत्मअनुशासन व उनकी सामाजिक आत्मीयता। गुणवत्ता व दृढ़ता बढ़ाते हुए संघ शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है।

स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान _ निम्बाराम

स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान _ निम्बाराम 1

उन्होंने बताया कि व्यापक समाज में भाव परिवर्तन एक एक व्यक्ति के भाव परिवर्तन से होता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मनुष्य का विवेक जागृत कर उसे श्रेष्ठ आचरण के लिए प्रेरित करता है।

ऐसे स्वभाव को व्यवहार में लाने के कुछ विषयों की चर्चा करते हुए कहा कि समाज में जन्म आधारित भेदभाव समाप्त होना चाहिए। सम्पूर्ण हिन्दू समाज को एकात्म व एकरस बनाने के लिए हम स्वयं में एवं अपने परिवार में बदलाव लाना आज के समय की महती आवश्यकता है।

परिवार ईकाई ही अपने समाज में सांस्कृतिक जीवन मूल्यों का संवर्द्धन कर अगली पीढ़ी में ले जाने का सशक्त माध्यम है। पारिवारिक जीवन निभाते समय छोटी छोटी बातों का ध्यान रखने से जीवन में बड़ा परिवर्तन आता है। स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान _ निम्बाराम 1

परिवार से ही स्वच्छ वातावरण , पर्यावरण के प्रति चेतना का भाव लाना व पंच तत्वों की उचित देखभाल करना, जल व ऊर्जा की बचत करने आदि के संस्कार मिलते हैं। अतः परिवार में समाज व देश के हित के विषयों की समय समय पर चर्चा हो।

स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान _ निम्बाराम

स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान _ निम्बाराम 1

अब समय आ गया है शरीर के साथ आत्मा का भी परिवर्तन हो भारत की आत्मा है स्व, जब स्व आधारित जीवन होगा तभी भारत की विश्व में मान्यता होगी। स्वधर्म, स्वभाषा, स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग व तंत्र अर्थात शिक्षा, न्याय व्यवस्था आदि में स्व आने से स्वतंत्रता सार्थक होगी।

व्यक्ति से लेकर राष्ट्र के सम्पूर्ण जीवन पर्यन्त,सभी आयामों में स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान है और यह होगा कर्तव्य पालन की प्रतिबद्धता से। भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने पर प्रत्येक सुसभ्य नागरिक शाखा व परिवार के अलावा सामाजिक जीवन में अनुशासन पालने के लिए कृत संकल्प होकर अपना उदाहरण प्रस्तुत करें।

वैचारिक संघर्ष के समय में अफवाह फैलाकर दुष्प्रचार के माध्यम से समाज तोड़ने का प्रयास इस बार के र्निवाचन में भी दिखा, हम स्वयं सजग होकर भारत को तोड़ने वाले विचार व व्यक्तियों को समाज के समक्ष उजागर कर भारत का सत्य आधारित विश्व कल्याणकारी विचार स्थापित करें। समाज की सज्जन शक्ति को साथ लेकर चलने से उनको सक्रिय करने से संघ समाज रूपी सागर से एकाकार हो सकेगा। स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान _ निम्बाराम 1

वार्षिक प्रशिक्षण की श्रृंखला में राजस्थान क्षेत्र में चल रहे दस वर्गों में से कोटा में आयोजित कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम में राजस्थान क्षेत्र के 22 विभाग, 71 जिलों से 352 शिक्षार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें प्रक्षिशु प्रवासी कार्यकर्ता थे।

प्रकट समारोह में स्वयंसेवकों द्वारा अतिथियों के स्वागत के रूप में स्वागत प्रणाम तथा घोष वादन किया गया है । कार्यक्रम में ध्वजारोहण के पश्चात स्वयंसेवकों ने ध्वज की परिक्रमा कर गुरु वंदन किया । उसके पश्चात घोष संरचना , दंड, व्यायाम योगासन ,दंड योग, गण समता एवं का प्रदर्शन किया। स्वयंसेवकों द्वारा सामूहिक रूप से एक स्वर में गीत सूत्रपात नवयुग वेला का गाकर प्रदर्शन किया।

वर्ग कार्यवाह द्वारा मंचस्थ अतिथियों का परिचय करवाकर प्रतिवेदन का वाचन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वंशवर्धन सिंह महाराव साहब बूंदी रहे ।

इस बीस दिवसीय वर्ग में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले , सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर, अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अरूण कुमार जैन, अखिल भारतीय गौ सेवा प्रशिक्षण प्रमुख शंकरलाल का सानिध्य प्राप्त हुआ।

स्वयंसेवकों में हो कर्तव्य पालन की प्रतिबद्धता , स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान _ निम्बाराम

स्वयंसेवकों में हो कर्तव्य पालन की प्रतिबद्धता , स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान _ निम्बाराम 1

अखिल भारतीय अधिकारियों के अतिरिक्त क्षेत्र कार्यवाह जसवंत खत्री , सह क्षेत्र कार्यवाह गेंदालाल , क्षेत्र संघचालक डाॅ रमेश अग्रवाल, क्षेत्र शारीरिक शिक्षण प्रमुख गंगाविष्णु , क्षेत्र बौद्धिक शिक्षण प्रमुख डाॅ. श्रीकांत , क्षेत्र प्रचारक प्रमुख श्रीवर्धन , क्षेत्र सेवा प्रमुख शिवलहरी , क्षेत्र सम्पर्क प्रमुख श्याम मनोहर एवं प्रान्तीय अधिकारियों का बौद्धिक मिला। वर्ग के प्रगट समारोह में बड़ी संख्या मे बन्धु भगिनी उपस्थिति रहे उनके अवलोकनार्थ प्रदर्शनी भी लगाई गई।

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राष्ट्र सेविका समिति का पथसंचलन 1

राष्ट्र सेविका समिति का पथसंचलन

राष्ट्र सेविका समिति का पथसंचलन

जयपुर, 30 मई। राष्ट्र सेविका समिति वायव्य क्षेत्र प्रबोध वर्ग का पथ राष्ट्र सेविका समिति का पथसंचलन गुरुवार को आगरा रोड के अग्रसेन मार्ग स्थित अग्रवाल पीजी कॉलेज से निकला।

राष्ट्र सेविका समिति का पथसंचलन

राष्ट्र सेविका समिति का पथसंचलन

देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्म शताब्दी वर्ष की पूर्व संध्या पर आयोजित संचलन में 260 युवतियों और किशोरियों ने भाग लिया। संगठन गढ़े चलो सुपंथ पर बढ़े चलो गीत की स्वर लहरियों के बीच कदमताल करती युवतियां हाथ में ध्वज थामे सधे कदमों से पंथ संचलन करती निकली तो हर किसी का गर्व से सीना चौड़ा हो गया।

राष्ट्र सेविका समिति का पथसंचलन

राष्ट्र सेविका समिति का पथसंचलन

अग्रवाल कॉलेज, घाटगेट, रामगंज बाजार, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, सांगानेरी गेट होते हुए पथ संचलन अग्रवाल कॉलेज पहुंचा। मार्ग में समाज के अलग-अलग समूहों ने पुष्प वर्षा कर संचलन का स्वागत किया।

राष्ट्र सेविका समिति का पथसंचलन

राष्ट्र सेविका समिति का पथसंचलन

अग्रवाल कॉलेज में राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय सह शारीरिक प्रमुख वसुधा सुमन ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि युवतियों पर समाज की दोहरी जिम्मेदारी है।

उसे दोनों जिम्मेदारियों को कर्तव्य और निष्ठा से पालन करना होगा। इसी में उनका गौरव है। युवतियों और किशोरियों को मातृत्व के गुणों का विकास करते हुए राष्ट्र निर्माण में भी जुटना है। ईश्वर द्वारा प्रदान किए गए गुणों को विकसित करते हुए अपने व्यक्त्वि का विकास ही सच्चे अर्थों में महिला सशक्तिकरण है।

इस अवसर पर क्षेत्र कार्यवाहिका प्रमिला शर्मा, वर्गाधिकारी नर्मदा इंदौरिया, प्रांत कार्यवाहिका संगीता जांगिड़ उपस्थित रही।

प्रशिक्षण वर्ग का समापन आज – राष्ट्र सेविका समिति का पथसंचलन

उल्लेखनीय है कि राष्ट्र सेविका समिति का जयपुर प्रांत का 15 दिवसीय वर्ग जवाहर नगर स्थित सरस्वती बालिका विद्यालय में आयोजित किया जा रहा है। इसमें युवतियों और किशोरियों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सुबह से शाम तक अनेक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। वर्ग का समापन शुक्रवार सुबह होगा।

राष्ट्र सेविका समिति का पथसंचलन

राष्ट्र सेविका समिति का पथसंचलन

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संघ का उद्देश्य समाज निर्माण है

संघ का उद्देश्य समाज निर्माण है

संघ का उद्देश्य समाज निर्माण है – क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम

वीएसके फाउंडेशन द्वारा श्रेष्ठ पत्रकार सम्मानित

संघ का उद्देश्य समाज निर्माण है

संघ का उद्देश्य समाज निर्माण है

जयपुर, 25 मई। वीएसके फाउंडेशन की ओर से शनिवार को मालवीय नगर स्थित नारद सभागार में देवर्षि नारद जयंती और पत्रकार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने कहा कि संघ का उद्देश्य समाज निर्माण है और इसके लिए शत प्रतिशत समाज को देशहित में साथ लेना संघ का उद्देश्य है। इसलिए हम किसी को विरोधी नहीं मानते ।

संघ का उद्देश्य समाज निर्माण है

संघ का उद्देश्य समाज निर्माण है

उन्होंने कहा कि जो भारत को अपनी मातृ भूमि मानते हैं, भारत के प्रति भक्ति भाव रखते है और भारत माता की जय बोलते हैं वो सब भारत की संतानें हैं । यह देश मेरा है इस देश के महापुरुष अपने हैं जब देशवासियों को कोई कष्ट आता है तो दुख होता है देश में जब अच्छा होता है तो उनको खुशी होती है ।

देश के विकास और समृद्धि के लिए जो अपना कुछ योगदान दे सके वह राष्ट्रीय है । उन्होंने कहा कि हम स्वाधीन तो हैं पर स्व-तंत्र हैं क्या, इस पर विचार करने की जरूरत है। इन सब में मीडिया का मुख्य रूप से योगदान हो सकता है जो लोगों की सोच को सही दिशा देने का काम करते हैं।

संघ का उद्देश्य समाज निर्माण है

संघ का उद्देश्य समाज निर्माण है

समारोह की शुरुआत भाव-सुरताल समूह की ओर से जल, पर्यावरण संरक्षण और देवर्षि नारद पर नृत्य नाटिका की प्रस्तुति से हुई।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेशाध्यक्ष, जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान, हरिवलभ मेघवाल ने देवर्षि नारद की पत्रकारिता से जुड़े प्रसंगों को रेखांकित करते हुए विस्तार से बताया। साथ ही नारद जी की टीवी सीरियल्स में दिखाई चुगली करने वाले देव की छवि से हट कर एक सूचना सहायक के रुप में प्रकट की।

वीएसके फाउंडेशन के डायरेक्टर डॉ. ईश्वर बैरागी ने नारद जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पत्रकार जगत में देवर्षि नारद को आदि पत्रकार माना जाता है।

पूरे भारत के विश्व संवाद केन्द्र नारद जयंती को पत्रकार दिवस के रूप में मना रहा हैं। इस दिन पत्रकारिता के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रहे पत्रकारों को ‘नारद सम्मान’ से सम्मानित किया जाता है।

कार्यक्रम में प्रिंट मीडिया में फर्स्ट इण्डिया के पकंज सोनी व न्यू मीडिया में नवतेज टीवी के उमंग माथुर को सम्मानित किया गया जबकि आंचलिक पत्रकारिता के लिए दैनिक भास्कर के राधेश्याम तिवारी और राजकुमार जैन को संयुक्त पुरस्कार प्रदान किया गया।

संघ का उद्देश्य समाज निर्माण है

संघ का उद्देश्य समाज निर्माण है

इस दौरान वीएसके फाउंडेशन की डायरेक्टर डॉ. शुचि चौहान सहित वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रबुद्धजन मौजूद रहे। आभार फाउंडेशन के डायरेक्टर अभिषेक अग्रवाल ने प्रकट किया।

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किसानों को ट्रैक्टर की बजाय गौवंश पर अनुदान मिलने पर ही गौधन संरक्षण को बल मिलेगा 1

किसानों को ट्रैक्टर की बजाय गौवंश पर अनुदान मिलने पर ही गौधन संरक्षण को बल मिलेगा 1

किसानों को ट्रैक्टर की बजाय गौवंश पर अनुदान मिलने पर ही गौधन संरक्षण को बल मिलेगा – गोपाल भाई सूतरिया

वागड़ में गौपालन व गौ आधारित जैविक कृषि के प्रसार हेतु श्री राधा कृष्ण गौशाला वमासा में किसान सम्मेलन एवं प्रशिक्षण शिविर संपन्न हुआ. देश के नामी गौ विशेषज्ञों एवं कृषि विज्ञानिको ने 2000 हजार से ज्यादा कृषकों को संबोधित किया. गोपाल भाई सुतरिया ने कहा किसानों को ट्रैक्टर की बजाय गौवंश पर अनुदान मिलने पर ही गौधन संरक्षण को बल मिलेगा 1

कार्यक्रम के प्रारंभ में भूमि सुपोषण अभियान के तहत भूमि पूजन मिट्टी पूजन एवं गौपूजन किया गया.

किसानों को ट्रैक्टर की बजाय गौवंश पर अनुदान मिलने पर ही गौधन संरक्षण को बल मिलेगा 1

किसानों को ट्रैक्टर की बजाय गौवंश पर अनुदान मिलने पर ही गौधन संरक्षण को बल मिलेगा 1

कार्यक्रम में अतिथि वक्ता भारत सरकार द्वारा कामधेनु पुरस्कार विजेता प्रसिध्द गौ पालक गोपाल भाई सुतरीया एवम जाने माने कृषि वैज्ञानिक जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य अजीत शरद केलकर रहैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोपाल सुतरिया ने बताया कि “गौ कृपा अमृतम” किसानों के लिए वरदान साबित होगा कृषक इसको उपयोग में लायें,

7 दिन के अंदर यूरिया डीएपी पेस्टिसाइट बंद हो सकता है भले ही आपने 30 सालों से केमिकल डाला हों, केमिकल से भी ज्यादा उत्पादन दो गुना कुछ कुछ फसलों में हमने तीन-तीन गुना उत्पादन लिया हुआ है|

वो भी पहले सीजन में ही, यही उदाहरण व प्रत्यक्षदर्शी प्रजेंटेशन के माध्यम से गोपाल भाई ने समझाया व कार्यक्रम में उपस्थित सभी कृषको को बताया की 6 सालों में देश के 22 राज्यों में 7 लाख किसानों से भी ज्यादा के साथ काम कर चुके हैं यह अति परिणाम लक्ष्यी कार्य है।

गोपाल भाई ने बताया कि सरकार को गौ आधारित जैविक कृषि व गोपालन को बढ़ावा देने व हमारे पैतृक व्यवसाय कृषि व पशुपालन के क्षेत्र में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आर्थिक सम्बलन हेतु सरकार को योजनाएं बनाने की आवश्यकता है जिसमें सरकार ने पूर्व में ट्रैक्टर मशीनरी के उपयोग, युरीया डीएपी पर सरकार के वित्तिय बजटों में अनुदान योजनाएं बना रखी है|

इस रूप में जैविक कृषि करने वाले किसानों को अनुदान जारी करने की योजनाऐं हो, जो कृषक भारतीय नस्ल के नंदी गौवंश का संरक्षण कर खेती में उपयोग कर रहे हैं उन कृषकों को अनुदान देने की योजनाएं बनाने की आवश्यकता है।

अजीत केलकर ने बताया की गोवंश की उपयोगिता को जानने की आवश्यकता है गोवंश हमारे खेतों में होना चाहिए हमारे घरों में होना चाहिए लेकिन आज अगर गौवंश गौशालाओं में आ रहा है|

किसानों को ट्रैक्टर की बजाय गौवंश पर अनुदान मिलने पर ही गौधन संरक्षण को बल मिलेगा 1

किसानों को ट्रैक्टर की बजाय गौवंश पर अनुदान मिलने पर ही गौधन संरक्षण को बल मिलेगा 1

बेसहारा सड़कों पर विचरण कर रहा है तो हम सब की जिम्मेदारी बनती है कि भारतीय नस्ल की गोवंश का गोबर व गोमुत्र हम हमारे खेतों तक कैसे उपयोग में लाएं क्योंकि परमेश्वर ने धरती मां को संजीव बनाए रखने के लिए गौ माता की रचना की थी|

गौ वंश के गोबर गोमूत्र से केंचुओं का निर्माण होगा सूक्ष्मजीवों का संचार होगा ग्रामीण क्षेत्रों में 25 साल पहले केंचुए थे अभी देखने को नहीं मिलते केंचुए दो प्रकार के काम करते थे|

एक धरती के अंदर लाखों छिद्र बनाते थे जब बारिश होती हैं बारिश का पानी उन छिद्रों के माध्यम से भूमि के अंदर वाटर बैंक तक पहुंचता था|

दूसरी हर किसान के खेत के नीचे हजारों टन खाद का भंडार है चट्टान के रूप में जो केंचुए नीचे से जो खाद का भंडार है उसको खाकर ऊपर लाकर खेत में छोड़ने का काम करते थे|

किसानों को ट्रैक्टर की बजाय गौवंश पर अनुदान मिलने पर ही गौधन संरक्षण को बल मिलेगा 1

किसानों को ट्रैक्टर की बजाय गौवंश पर अनुदान मिलने पर ही गौधन संरक्षण को बल मिलेगा 1

सूक्ष्मजीवों का मानव जीवन व प्रकृति में काफी योगदान है सूक्ष्मजीव पाचन करने में सहायक थे पर कीटनाशक जहरीले खाद्यान्न व भोजन के उपयोग से हमारे सूक्ष्मजीव कम होते जा रहे हैं।

हमारे देश में प्रकृति का पूजन प्रेम का संबंध रहा हैं,इसलिए देश मैं धरती को मां कहते हैं नदियों की पूजा,वृक्षों की पूजा करते हैं प्रकृति के प्रत्येक तत्व की पूजा करते हैं हमारे संस्कार अद्भुत रहे थे क्योंकि हमने प्रकृति से प्रेम का भाव रखा सभी जीवो का यहां तक कि हम सर्प की भी पूजा करने वाले लोग हैं।

कृषि वैज्ञानिक अलबर्ड हावर्ड (1905-1931) जिनको अंग्रेजों ने भारत में खेती सिखाने भेजा पर जब इन्होंने भारतीय किसानों की खेती देखीं समझी तो इन्होंने कहा कि भारतीय किसानों को खेती सीखानें की आवश्यकता नहीं है इनसे इनकी पद्धति की खेती सीखने की आवश्यकता है।

1966-68 मैं मार्केट आधारित उत्पादन पद्धति आई जो कीटनाशक दवाईयों का जहर लेकर आई जिसने हमारे प्रकृति से हमारा जुड़ाव कम कर दिया।

FAO ने भी माना की मृदा का शरण इसी तरह चलता रहा कृषि में किसानों द्वारा रासायनिक कृषि का चलन चलता रहा तो 2050 तक हमारे विश्व की 90% मिट्टी खराब हो जाएगी।

अजीत जी ने बताया कि केमिकल्स रासायनिक के इस्तेमाल से पिछले 10 वर्षों से मौसम भी किसानों का साथ नहीं दे पा रहा है हमारे देश की मृदा का जैविक कार्बन धीरे-धीरे दशमलव पांच से भी नीचे चला गया है।

पर्यावरण का ध्यान रखते हुए किसानों को बादाम के पत्तों से बने हुए दोने पत्तों में भोजन करवाया गया।

कार्यक्रम को बड़ी स्क्रीन पर देश के 22 राज्यों के आत्मनिर्भर प्रगतिशील जैविक पद्धति से खेती करने वाले कृषको की अब तक की उपलब्धियों को उदाहरण के आधार पर चलचित्र के माध्यय बताया गया।

आगंतुक किसानों को गौ कृपा अमृतम व नेपियर हरा चारा भी निःशुल्क किसानों को वितरित किया गया।

इस आयोजन में 2000 से भी ज्यादा किसानों ने भाग लिया कार्यक्रम का किसानों को इतना प्रभावी लगा कि सुबह से लेकर शाम तक किसानों ने अनुसरण व सीखने के भाव से पूरा कार्यक्रम एकाग्रता से सुना|

किसानों को ट्रैक्टर की बजाय गौवंश पर अनुदान मिलने पर ही गौधन संरक्षण को बल मिलेगा 1

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India General Elections 2024

Phase 4 of Lok Shabha Election - 2024

India General Elections 2024 ,Phase 4 of Lok Shabha Election – 2024

India General Elections 2024

Today Phase 4 of Lok Shabha Election – 2024 is held from 7AM to  6PM as per Indian Time.

4th Phase Summary :

Total Candidates 1717

Total Seats             96 Parliamentary Constituencies across nine states and 1 Union Trettory

Out of 96 seats polling held in following states :

Telangana                 17 seats

Andhra Pradesh     25 seats

Uttar Pradesh        13 seats

Bihar                        05 seats

Jharkhand              04 seats

Madhya Pradesh  08 seats

Maharashtra          11 seats

Odisha                    04 seats

West Bengal         08 seats

Jammu Kashmir 01

Total States          10

Today legislative assembly polling held also all 175 seats of the Andhra Pradesh legislative assembly.

also 28 seats of the Odisha legislative assembly polling has been held same day.

Total polling percentage is 63% today in 4th phase of election.

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भारत समाज आधारित राष्ट्र

भारत समाज आधारित राष्ट्र

भारत समाज आधारित राष्ट्र- मनमोहन वैद्य

जयपुर, 02 फरवरी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने कहा कि भारत समाज आधारित राष्ट्र है। हमारे राष्ट्र की संकल्पना का आधार आध्यात्मिक है। कोरोना जैसी महामारी के समय समाज द्वारा संक्रमण का खतरा होने के बावजूद एक दूसरे का सहयोग करना, इसका ताजा उदाहरण है।

भारत समाज आधारित राष्ट्र

भारत समाज आधारित राष्ट्र

उन्होंने रविन्द्र नाथ ठाकुर के स्वेदेशी समाज का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे यहां परम्परागत रूप से न्याय व्यवस्था, विदेश, सुरक्षा जैसे विभाग राजा के पास होते थे। जबकि चिकित्सा, शिक्षा, कामर्स, ट्रेड, इंडस्ट्री, मंदिर, मेला, संगीत, नाटक, कला आदि समाज की व्यवस्था थी। इसके लिए धन राजकोष से नहीं बल्कि समाज देता था।

संघ के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य जयपुर में चल रहे जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन अपनी पुस्तक ‘वी एंड द वर्ल्ड अराउंड’ पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इंडिया शब्द अंग्रेजों ने भारत आने के बाद दिया था। जबकि भारत प्राचीनकाल से है। भारत कहने से प्राचीनता का बोध होता है। भारत को भारत कहना अधिक उचित है।

उन्होंने कहा कि वसुधैव कटुंबकम का विचार भारत का है। हमारे यहां से भी लोग दुनिया में व्यापार करने गए लेकिन उन्होंने वहां के लोगों को अरब और यूरोप की तरह कंवर्ट नहीं किया। हिन्दू शब्द की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक के हिन्दू शब्द के अर्थ को सावरकर ने अधिक विस्तारित व्याख्या दी।

भारत समाज आधारित राष्ट्र

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सावरकर की हिन्दू संकल्पना को माधव राव गोलवलकर ने युगानूकल परिभाषित करते हुए कहा था कि जिनके समान पूर्वज हों, एक संस्कृति एवं भारत को माता मानते हों, वह सभी हिन्दू हैं।

उन्होंने इंडोनेशिया का उदाहरण देते हुए कहा कि, वो एक मुस्लिम देश होते हुए भी वहां ‘रामलीला’ का आयोजन किया जाता है। यदि इंडोनेशिया का मुस्लिम उपासना पद्धति बदलने के बावजूद भगवान राम को मानते हैं। उन्होंने कहा कि संघ की शाखा में मुस्लिम- ईसाई भी आते हैं और दायित्व लेकर काम करते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में जन्म लेने वाले सब हिन्दू है, लेकिन व्यक्तिगत, पारिवारिक, व्यवसायिक व सामाजिक व्यवहार एवं आचरण से हिन्दुपन प्रकट होना चाहिए। जाति व्यवस्था की बात करते हुए उन्होंने कहा कि जातिगत उंच-नीच और भेदभाव गलत है।

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घुमंतूबस्ती में रामोत्सव 1

घुमंतूबस्ती में रामोत्सव

घुमंतूबस्ती में रामोत्सव

घुमंतू बस्तियों में भी छाया रामोत्सव का उल्लास श्री राम महायज्ञ में आहुतियां अर्पित कर लिया राम राज्य लाने का संकल्प जयपुर। राम लला की प्राण उतिष्ठा का दिन मंदिरों और घरों में ही नहीं घुंमुतु बस्तियों में भी धूमधाम से मनाया गया। घुमंतु जाति उत्थान न्यास की ओर से विभिन्न बस्तियों में हनुमान चालीसा पाठ, सुंदर कांड, महा आरती, दीपदान सहित विभिन्न कार्यक्रम हुए। घुमंतूबस्ती में रामोत्सव

मुख्य आयोजन वीकेआई रोड नंबर 17 के आकेड़ा डूंगर स्थित घुमंतू जाति बस्ती में रामोत्सव के रूप में हुआ। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के घुमंतू कार्य के अखिल भारतीय प्रमुख दुर्गादास ने राम लला के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ कर सभी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने कहा कि पांच सौ साल के संघर्ष और बलिदान के बाद आज देश को दीपोत्सव मनाने का अवसर प्राप्त हुआ है।

विशिष्ट अतिथि निम्स यूनिवर्सिटी के निदेशक डॉ पंकज सिंह, इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश्वर शर्मा थे।
घुमंतू कार्य के महानगर प्रमुख राकेश शर्मा ने बताया कि राममय माहौल में हनुमान चालीसा पाठ और भजन कीर्तन के कार्यक्रम हुए। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के विद्वानों की टोली ने नौ कुंडीय गायत्री-श्रीराम महायज्ञ में विश्व कल्याणार्थ आहुतियां अर्पित करवाई।
बस्ती के लोगों ने सपरिवार राम गायत्री महामंत्र से आहुतियां अर्पित की।

व्यासपीठ से मनोज पारीक और उमाशंकर खंडेलवाल ने कहा कि राम इस देश के प्राण है। संस्कृति का आधार है। सभी ने इस मौके पर एक बार फिर से राम राज्य लाने का संकल्प लिया। सभी लोगों को प्रसाद स्वरूप वेद माता गायत्री का चित्र, गायत्री चालीसा भेंट की। बस्ती में संचालित बाल संस्कारशाला के बच्चों को कॉपी और स्टेशनरी भेंट की।

इस अवसर पर निम्स हॉस्पिटल की ओर से निशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया। बड़ी संख्या में लोगों ने चिकित्सा शिविर का लाभ उठाया। अंत में भंडारा प्रसादी हुई। भगवान जय श्री राम की जयकारों के साथ करीब 600 लोगों ने पंगत प्रसादी ग्रहण की।

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