Crisis and Courage संकट और साहस

Crisis and Courage संकट और साहस

Crisis and Courage संकट और साहस

बाल गंगाधर तिलक अपने सहपाठियों के साथ छात्रावास की छत पर बैठकर वार्तालाप कर रहे थे।  वार्तालाप की इस कड़ी में एक विद्यार्थी ने कल्पना करते हुए कहा कि अगर नीचे हमारे साथियों पर पर अगर कोई संकट आ जाए तो उनकी सुरक्षा के लिए शीघ्रता से हम नीचे कैसे उतर पाएंगे ? अथवा कौन,  कैसे जल्दी पहुंचने का प्रयास करेगा?

पहला लड़का बोला मैं  सीढ़ियों  से दौड़ता हुआ निकल जाऊंगा।   दूसरे ने कहा –  मैं रस्सी के द्वारा दीवान के सहारे नीचे पहुंचूंगा . सब अपनी अपनी सोच से एक दूसरे से अवगत करा रहे थे,  कि एक ने पूछा  ” तिलक तुम ऐसे संकट के घड़ी में क्या करोगे “?

बाल गंगाधर तिलक ने अपनी धोती कसी बड़ी सावधानी और कुशलता से नीचे चलांग लगा दी।  कूदते समय यह वाक्य बोला  “मैं  ऐसा करूंगा ”

सभी साथी चिल्ला पड़े,  अरे यह क्या ????  सब एक साथ देखने के लिए नीचे दौड़े की कहीं तिलक को चोट तो नहीं आई ।

जब वे लोग सीढ़ीओ में पहुंचे तो उन्हें देखकर प्रशन्नता हुई  की बाल गंगाधर तिलक स्वयं  सकुशल ऊपर आ रहे थे।

यह है Crisis and Courage संकट और साहस का सच्चा उदहारण।

Crisis and Courage संकट और साहस

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गुरु पूर्णिमा अमृत वचन

गुरु पूर्णिमा

गुरु पूर्णिमा अमृत वचन

हम जिस गुरु की पूजा करते है उसके गुणों को भी अपने अंदर लाना चाहिए । यदि उन गुणों को जीवन में नहीं लायेंगे तो कर्त्तव्य पूर्ति नहीं होगी। जो अपने गुरु के साथ अधिक से अधिक एकात्म और एकरूप होता है, वही उसकी पूजा कर सकेगा अन्य कोई नहीं । जिस आदर्श की पूजा करने हेतु एकत्र  हुए है उसका निर्देशित जीवन अपने अंदर उत्पन्न करने का प्रयास करना चाहिए । तभी हम जिस आदर्श व उद्देश्य को लेकर चल रहे है उसे आगे बढ़ा सकेगें। – परम पूजनीय श्री गुरूजी गुरु पूर्णिमा

गुरु पूर्णिमा

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मानसिक सेहत , तनाव और जंक फ़ूड

मानसिक सेहत , तनाव और जंक फ़ूड

आज कल के भाग दौड़ की जिंदगी में हम अपने स्वस्थ्य का ध्यान नहीं रख रकते है, मानसिक सेहत , तनाव और जंक फ़ूड एक दूसरे से जुड़े हुए है,  जब भी हम तनाव में होते है  तब हमारा दिल करता है की कोई न कोई जंक फ़ूड खाया जाय और हम केवल यह समझ कर जंक फ़ूड की और आकर्षित होते है कयुँकि ज्यादा से ज्यादा हमारा थोड़ा वजन बढ़ जाएगा  और कुछ नहीं जबकि तनाव में जंक फ़ूड खाने से हमारी चिंताए और बढ़ जाती है ऐसा शोध में पाया गया है।

मानसिक सेहत , तनाव और जंक फ़ूड

मानसिक सेहत , तनाव और जंक फ़ूड

यूनिवर्सिटी का कोलोरेडो के एक नए शोध से पता चला है कि तनाव के समय अस्वस्थकर भोजन करने से हमारा चिंता का और बढ़ जाते हैं हर कोई जानता है की फास्ट फूड हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है लेकिन फिर भी हमारा समाज वह खा रहा है जो हमारे स्वस्थ्य के लिए सही नहीं है।

हमारे बीच यह बात प्रचलित है कि जब हम उच्च कैलोरी वाले मीठा या फास्ट फूड खाते हैं तो हमें भावनात्मक रूप से तृप्ति मिलती है और हमारी भावनात्मक स्थिति में सुधार होती है इस शोध से इस प्रचलित धारणा को चुनौती मिलती है।

माइंड टॉक  की वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक और कार्यकारी डायरेक्टर नेहा केड़ाबम कहती है जब आप तनाव में होते हैं तो समोसा या बर्गर खाने का मन करता है लेकिन यह आखिरकार एक जाल है जो आपकी चिंता को और बढ़ा सकता है।

कुछ ऐसे फ़ास्ट फ़ूड है जो हमारे स्वस्थ्य पर बहुत ही बुरा डालते है  :-

ट्रांस और सैचुरेटेड वसा फ़ूड : 

कुरकुरे तले हुए व्यंजन में पाए जाने वाले वासा सूजन का कारण बनते हैं और हमारे मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं।

रिफाइंड शुगर :

अगर आपको चीनी बहुत ज्यादा पसंद है और आप बहुत अधिक मात्रा में ग्रहण करते है तो तो यह आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है आपको घबराहट और बेचैनी महसूस हो सकती है।

प्रत्येक कृत्रिम चीज  :

हर वह कृत्रिम चीज चाहे वह कृत्रिम रंग हो चाहे स्वाद बढ़ाने वाले कोई पदार्थ हो तो वह आपके तंत्रिका तंत्र में गंभीर समस्याएं हैं पैदा कर सकते हैं जिससे हमारे चिंता बढ़ जाती है।   आगे  नेहा केड़ाबम कहती है की  यह तत्व आपके मेटाबॉलिज्म और मस्तिष्क के रसायन को बाधित करते हैं जिससे चिंता और बढ़ जाती है।

मानसिक सेहत, तनाव कम करने के लिए फल और सब्जियाँ हमारे स्वस्थ्य के लिए बहुत ही फायदे मंद है ।

नट्स और बीज, साबुत अनाज  आदि आपके नसों को शांत करने में मदद करता है ।

जंक फ़ूड कम से कम खाये इतनी सी आग्रह है ।

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सच्चा धार्मिक कौन ?

सच्चा धार्मिक कौन

सचमुच में सच्चा धार्मिक कौन ? है इस कहानी के मार्फ़त पता चलता है , एक गांव में मेला लगा हुआ था। मेला स्थल पर एक छोटा सा कुआ था, जिसमें एक आदमी भूल बस गिर गया था। वह चिल्लाने लगा मुझे बचाओ मुझे बचाओ लेकिन मेले में बड़ा शोरगुल था कौन सुन उसकी आवाज लोग जल्दी बाजी में थे।

इतने में एक क्रांतिकारी युवक कुआं के पास आकर बैठा .उसे अंदर से आदमी की आवाज सुनाई दी,  वह बोला चुप रह,  यह बिना दीवार के कुआं किसने बनाया!  उसे मेला अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करूंगा।  घाट होता तो तू क्यों गिरता,  यह जुल्म है मैं सबको हिला कर रख दूंगा।  यह कहते हुए वह आगे चल दिया।

इतने में एक संन्यासी आया और कुआं पर आकर बैठ गया।  कुएं के अंदर से आदमी चिल्लाया मुझे निकालो, मुझे निकालो, सन्यासी बोला भाई पिछले जन्म में तुमने कुछ कुकर्म में किए होंगे,  जिनका फल तुम भोग रहे हो . अपना अपना फल सभी को भोगना पड़ता है, इसमें कुछ भी नहीं किया जा सकता . उस आदमी ने कहा यह तुम मुझे बाद में समझा देना पहले कुएं से बाहर तो निकालो।  सन्यासी बोला देखो भाई मैं तो कर्म त्याग कर चुका हूं,  गांव के लोगों से कहूंगा वह तुम्हारी कुछ मदद कर दे।  और वह चल दिया।

इतने में एक थका हारा किसान आया सोचा पानी  खींचकर तृष्णा बुझा लूंगा,  इतने में कुएं के अंदर से आवाज आई,  मुझे निकालो,  किसान ने अंदर झाक कर  देखा एक आदमी गिर पड़ा है,  किसान बोला  भाई रस्सी तो है पर पतली है टूट जाएगी,  देखो कुछ उपाय करता हूं, उसने अपनी धोती खोली और रस्सी बांध दी,  उसकी सहायता से वह आदमी बाहर आ गया।

उस आदमी ने किसान  के पैर पकड़ लिए और कहा भाई तू ही सच्चा धार्मिक है,  सच्चा समाज सुधारक है,  उन लोगों ने तो मेरी सुनी ही नहीं।  किसान बोला भैया मै धर्म सुधर ,  समाज सुधार तो कुछ नहीं जानता ही नहीं हूं पर यह जानता हूं कि जो दूसरों की फिक्र करता है, वही धनवान होता है।  सभी में राम जी रहते हैं जैसी अपनी बच्चों की फिक्र वैसा ही दूसरो की फिक्र यही सच्ची दया है, धर्म है

सच्चा धार्मिक कौन

सच्चा धार्मिक कौन

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न त्वहं कामये राजयं

न त्वहं कामये राजयं ,  न स्वर्गं न पुनर्भवम् ।

कामये दुःख तप्तानां , प्राणि प्राणिनामार्ति नाशनम।।

भावार्थ : मैं राज्य की कामना नहीं करता, मुझे स्वर्ग और मोक्ष नहीं चाहिए । दुःख से पीड़ित प्राणियों के दुःख दूर करने में सहायक हो सकूँ, यही मेरी कामना है।

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न्यायोपार्जित वित्तस्य

न्यायोपार्जित वित्तस्य , दशमांशेन धीमतः ।

कर्तव्यों विनियोगश्च , ईश्वर प्रीतयथरमेव च ।।

भावार्थ : न्याय से कमाया धन भी पवित्र तब होता है, जब उसका दसवां भाग प्रेमपूर्वक ईश्वर को समर्पित कर दिया जाता है । 

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सत्यं रूपं श्रुतं विद्या

सत्यं रूपं श्रुतं विद्या , कौल्यं शीलं बलं धनं।

शौर्य च चित्रभाष्यं च दशेमे स्वर्गयोनय : ।।

भावार्थ : विदुर ने धृतराष्ट्र से कहा – राजन ! सत्य, विनय की मुद्रा, शस्त्रज्ञान, विद्या कुलीनता , शील, बल, धन, शूरता, और चमत्कारपूर्ण  बात कहना – ये दस स्वर्ग के हेतु है ।

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SCIENCE SAYS EXERCISE CAN COMBAT DEPRESSION

SCIENCE SAYS EXERCISE CAN COMBAT DEPRESSION

SCIENCE SAYS EXERCISE CAN COMBAT DEPRESSION

विज्ञान कहता है, शारीरिक व्यायाम अवसाद या डिप्रेशन को मात दे सकता है ।

SCIENCE SAYS EXERCISE CAN COMBAT DEPRESSION

SCIENCE SAYS EXERCISE CAN COMBAT DEPRESSION

हम सभी जानते हैं कि नियमित शारीरिक व्यायाम करने से शरीर और मन दोनों को ही फायदा होता है, अभी के नए शोधो में पता चला है शारीरिक व्यायाम अवसाद या डिप्रेशन में दवा से दुगना प्रभावी होता है अर्थात दवाई अगर लेते हैं डिप्रेशन के लिए तो कम प्रभावी होगा अगर हम शारीरिक व्यायाम करते हैं तो अधिक फायदेमंद होगा।  (पिक्सेल इमेज)

वैज्ञानिकों ने 218 अलग-अलग अध्ययन में पता किया है कि 14000 लोग जिनको अवसाद हो गया था उस व्यक्तियों पर दवाई और व्यायाम के विभिन्न रूपों का वर्गीकरण करने पर पाया गया कि वह व्यक्ति जो की एक सप्ताह में कम से कम दो या तीन बार व्यायाम करता है या जॉगिंग करता है या टहलता है उनके डिप्रेशन के लक्षणों में अधिक सुधार पाया गया।

डिप्रेशन में शारिरिक व्यायाम दवाई से ढाई गुना से भी अधिक प्रभावी है ।  इसलिए SCIENCE SAYS EXERCISE CAN COMBAT DEPRESSION

SCIENCE SAYS EXERCISE CAN COMBAT DEPRESSION

SCIENCE SAYS EXERCISE CAN COMBAT DEPRESSION

जब हम नियमित शारीरिक व्यायाम या शारीरिक गतिविधियां करते हैं तो शरीर और एंडोफ्रीन और  न्यूरोट्रांसमीटर उत्पन्न करता है जिसे हम खुशी के हार्मोन भी कहते हैं . एंडोफ्रीन की उत्पत्ति से हमारे स्वास्थ्य सही होता है और तनाव कम होता है जिससे डिप्रेशन या अवसाद के लक्षण में कमी आती है।( पिक्सेल इमेज )

शारीरिक व्यायाम से सेरोटोनिन और डोपामिन रसायन भी उत्पन्न होता है जो हमारे मूड को नियंत्रित करता है आनंद की अनुभूति दिलाता है और हमारी जो भावनाएं हैं वह संतुष्ट होती है मस्तिष्क में इन रसायनों को बढाकर अपने मूड को सही रख सकते हैं और डिप्रेशन या अवसाद उदासी, निराशा, नेगेटिविटी ,को कम करने में मदद मिलती है।

SCIENCE SAYS EXERCISE CAN COMBAT DEPRESSION

SCIENCE SAYS EXERCISE CAN COMBAT DEPRESSION

इसके आलावा शारीरिक व्यायाम अथवा गतिविधि में भाग लेने से हमारी  सामाजिक संपर्क भी बढ़ता है एवं भावनात्मक समर्थन लोगों से मिलता है अकेलेपन का एहसास नहीं होता है अतः शारीरिक व्यायाम जो है वह अवसाद डिप्रेशन जैसे मानसिक विकारों से निपटने में हमें मदद दिलाता है।

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चन्दन है इस देश की माटी

चन्दन है इस देश की माटी

चन्दन है इस देश की माटी, तपो भूमि हर ग्राम है ,

हर बाला देवी की प्रतिमा , बच्चा बच्चा राम है।

हर शरीर मंदिर सा पावन, हर मानव उपकारी है,

जहाँ सिंह बन गए खिलोने , गाय जहाँ माँ प्यारी है।

जहाँ सवेरा शंख बजाता, लोरी गाती शाम है,

हर बाला देवी की प्रतिमा , बच्चा बच्चा राम है।

जहाँ कर्म से भाग्य से बदलते, श्रम निष्ठा कल्याणी है ,

त्याग और तप की गाथाएं, गाती कवि की वाणी है,

ज्ञान जहाँ का गंगाजल सा, निर्मल है, अविराम है ।

हर बाला देवी की प्रतिमा , बच्चा बच्चा राम है।

जिनके सैनिक समर भूमि में, गाया करते गीता है,

जहाँ खेत में हल के नीचे, खेला करती सीता है,

जीवन का आदर्श जहाँ पर, परमेश्वर का धाम है।

हर बाला देवी की प्रतिमा , बच्चा बच्चा राम है।

चन्दन है इस देश की माटी, तपो भूमि हर ग्राम है ,

हर बाला देवी की प्रतिमा , बच्चा बच्चा राम है।

चन्दन है इस देश की माटी

चन्दन है इस देश की माटी

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जोड़ो के दर्द के घरेलु उपाय : खाने में इन फूड्स को जोड़े

जोड़ो के दर्द के घरेलु उपाय खाने में इन फूड्स को जोड़े

जोड़ो के दर्द के घरेलु उपाय : खाने में इन फूड्स को जोड़े

जोड़ो एवं सूजन के दर्द आजकल लोगो की आम समस्या हो गई है जो हमारी दैनिक जीवन को बहुत ही प्रभावित करते है, चोट या संक्रमण के वजह से रेडनेस और सूजन जब पुरानी हो जाती है तब वह गठिया बन जाता है और शरीर में लगातार दर्द होते रहते है ।

हम जो भोजन करते है वह हमारे दैनिक जीवन को बहुत ही प्रभावित करते है इसलिए जोड़ो के दर्द के घरेलु उपाय  हेतु  खाने में इन फूड्स को जोड़े :-

1. हल्दी  :  भारतीय भोजन का अभिन्न अंग हल्दी है , इसे मसाला के तौर पर प्रयोग में लाते है , इसमें एंटीऑक्सीडेंट और शक्तिशाली सूजन रोधी गुण पाए जाते है। अध्ययन से पाया जाता है की हल्दी में  जोड़ो का दर्द और जकड़न कम करने के गुण पाए जाते है । फोटो canva

जोड़ो के दर्द के घरेलु उपाय खाने में इन फूड्स को जोड़े

जोड़ो के दर्द के घरेलु उपाय खाने में इन फूड्स को जोड़े

2 अदरख  : अदरख का प्रयोग प्राय जोड़ो के दर्द के लिए किया जाता है , इसमें विद्यमान बायो एक्टिव योगिक  जिंजरोल पाया जाता है जिसका प्रकृति सूजन रोधी होता है । image  pixel

जोड़ो के दर्द के घरेलु उपाय खाने में इन फूड्स को जोड़े

जोड़ो के दर्द के घरेलु उपाय खाने में इन फूड्स को जोड़े

 

3 लहसन :- लहसन में डाइलिल dysulphite  जैसे योगिक होते है  जिसमे सूजन रोधी गुण होते है । ये योगिक सूजन रोधी  एंजायम  और सायटोकायन्स के गतिविधि को दबाकर सूजन कम करने में मदद करते है।

जोड़ो के दर्द के घरेलु उपाय खाने में इन फूड्स को जोड़े

जोड़ो के दर्द के घरेलु उपाय खाने में इन फूड्स को जोड़े

4 दालचीनी :  दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेन्ट्री योगिक होते है जो शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करता है। दाल चीनी की नियमित प्रयोग से जोड़ो में दर्द में सुधार और सूजन कम होता है ।

जोड़ो के दर्द के घरेलु उपाय खाने में इन फूड्स को जोड़े

जोड़ो के दर्द के घरेलु उपाय खाने में इन फूड्स को जोड़े

5  लौंग : लौंग में उजेनॉल योगिक पाया जाता है जिससे सूजन कम करने में फायदा होता है

6 आवंला : आवंला में विटामिन सी  बहुत  अधिक मात्रा में पाया जाता है जो एक एंटी ऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है ।

7 . मेथी के बीज  : मेथी के बीज में सैपोनिन डायोसजेनिन जैसे बायो एक्टिव बायो एक्टिव रोधी गुण पाया जाता है इसलिए मेथी का इस्तेमाल जोड़ो के दर्द में किया जाता है ।

8 तुलसी के पता:  तुलसी में पाए जाने वाले ओषिधि गुणों के कारण इसे सम्मान मिलता है , इसमें पाए जाने वाले सूजन रोधी एंटी ऑक्सीडेंट गुण ही सम्मान दिलाता है ।

9 तिल : तिल में लिगनेन और विटामि इ पाया जाता है और एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है ।  जोड़ो के दर्द में फायदेमंद है ।

10 बथुआ :  जोड़ो के दर्द में उपयोगी है  ।

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