अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान

अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान

अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान

अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान

वंशावली लेखकों की बढ़ती दूरियों को कम करने का करना होगा प्रयास: अरूणकांत

-वंशावली एकेडमी राजस्थान में फिर से होगी शुरू: सराफ

-अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान का स्थापना दिवस समारोह आयोजित

जयपुर, 28 अगस्त। अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान के इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं अखिल भारतीय धर्म जागरण सह प्रमुख अरूणकांत ने कहा कि पुराने काल से ही वंशावली की परम्परा हमारे देश में चली आ रही है लेकिन आज वंशावली लेखकों में दूरियां बढ़ती जा रही हैं, जिसको हम सब मिलकर कम करने का प्रयास करेंगे।

अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान

अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान

वे रविवार को पाथेय कण के सभागार में आयोजित अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान के स्थापना दिवस समारोह को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्थान के कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर जुड़कर वंशावली को बेहतर करने का काम करना होगा, जिससे कि सभी लोगों को अपने वंश के बारे में विस्तार से जानकारी मिल सके।
अभी इस समय पूरे देश में 4200 वंशावली लिखने वाले वंशलेखकों के नामों की वंशावली दिग्दर्शिका संस्थान के पास है, जिसमें राजस्थान से सबसे अधिक 2500 वंशलेखकों का डाटा कलेक्शन है, लेकिन अभी पूरे देश के वंशलेखकों का डाटा संस्थान के पास नहीं है, जिसको एकत्रित करने का काम तेजी से किया जा रहा है, जल्द ही सभी वंशलेखकों का डाटा संस्थान के पास उपलब्ध होगा।

– दो समारोह से जोड़ेंगे कार्यकर्ताओं को अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान 

अरूणकांत ने कहा कि संस्थान अब दो समारोह के माध्यम से देशभर के वंशलेखकों को एक साथ जोड़ने का काम करने जा रहा है, जिससे वंशलेखकों का तथ्यात्मक डेटा एक जगह एकत्रित हो जायेगा, उन्होंने कहा कि संस्थान का स्थापना दिवस समारोह आगामी दिनों से जिले स्तर पर आयोजित होगा, इसके साथ ही सरस्वती पूजन कार्यक्रम बसन्त पंचमी पर किया जायेगा, इन दोनों समारोह में वंशलेखकों को जोड़ने का काम होगा।

– सतयुग व द्वापर युग से चली आ रही है परम्परा: कालीचरण

अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान

अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान

समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व केबिनेट मंत्री एवं विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि वंशावली लेखन का काम सतयुग, द्वापरयुग के बाद आज कलयुग में भी हो रहा है और आज इसको डीजिटल माध्यम से जोड़ते हुए प्रभावी बनाये जाने की जरूरत है।
– डीजिटल युग का करना होगा उपयोग: रामचरण बोहरा
समारोह के विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि आज का युग डीजिटल का है, जिसका उपयोग वंशावलियों को संरक्षित करने के लिए किया जाना चाहिए।
– हिन्दू समाज को टूटने से बचाने का प्रयास: ब्रह्मभट्ट
अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष परमेश्वर ब्रह्मभट्ट ने संस्थान के बारे में प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए कहा कि वंशावली के माध्यम से हिन्दू समाज को टूटने से बचाया जा सकता है और यह काम संस्थान बखुबी निभा रहा है, जिसके माध्यम से लोगों को एक-दूसरे से ओर अपनो से अपने को जोड़ने का काम किया जा रहा है। अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्था यह कार्य करने का संकल्प लिया है।

-अखिल भारतीय वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान / इनका किया सम्मान

समारोह में अतिथियों ने वंशावली लेखन करने वाले सत्यनारायण जागा, नवरंग लाल जागा, महावीर सिंह, रूप सिंह राव सहित युवा वंशावली लेखकों का का सम्मान किया गया। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक माणक चन्द और जन कल्याण संस्थान के अध्यक्ष बाबुलाल शर्मा का विशिष्ट सम्मान किया गया। कार्यक्रम में गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय के गांधीवादी विचारक एवं शांति अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. जनक सिंह मीणा ने अतिथियों को भारत के स्वातन्त्र समर के जनजातीय नायकों की वीरगाथा नामक पुस्तक भेंट की।
Please Visit our website to see our other posts  https://fitnesswellness2.com

Also visit our youtube Channel   https://www.youtube.com/@murariprasad2

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *